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लेखनी कविता - दस्तूर दुनिया का।।

।दस्तूर दुनिया का।।


संभालिए खुद को,
हर अच्छे बुरे समय में,
दुनिया तमाशा देखती है,
हमारे उतार चढ़ाव में,

बनाइए इतना मजबूत खुद को,
परेशानियों से जूझ पाएं,
राहों में आने वाली मुसीबतों से,
टकरा कर भी हिम्मत ना हार जाएं,

संवारिए खुद को,
सीखिए हर रोज कुछ ऐसा,
करिए कुछ नया,
दुनिया सोच भी ना पाए वैसा,

दुनिया चूमती है उनके कदम,
जिनको खुद पर भरोसा होता है,
दस्तूर है इसका,
डूबते नहीं, उगते सूरज को ही,
हर कोई सलाम ठोकता है।।

प्रियंका वर्मा

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6 Comments

Priyanka Verma

24-Jan-2025 09:18 PM

thank you so much all ...💐🙏

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madhura

24-Jan-2025 05:26 AM

👌👌👌

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Anjali korde

23-Jan-2025 05:53 AM

👌👌

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